Vivekananda
विवेकानंद
विवेकानंद तुम नर रूपी नारायण
तुमको मेरा प्रणाम।
समाज सुख तुम तज कर आये
त्याग और सेवा सीखने के लिए
युग धर्म स्थापना के लिए
आये हो तुम धरा पर…
शिवावतार हो नाम वीरेश्वर
जिव ही शिव किये हो प्रचार
भेदभाव मेरा मन से हटाइये
मुझ पर कृपा कीजिये…
अमृत की संतान तुम सब
कोई नहीं छोटा कोई नहीं बड़ा,
उठो जागो लक्ष्य प्राप्त करो
स्वामीजी का जय जय कीजिये…