Sabka Mangal Hoye Re
तेरा मंगल, मेरा मंगल, सबका मंगल होय रे
शिवजी मंगल, सोमवार मंगल, शिवरात्रि से मंगल हो
नर्तन तांडव के करता _ नटरा_ज से मंगल हो
सूर शब्द संगी_त के दाता, डमरुधारी से मंगल हो
पर्वतपुत्री पार्वती के अखंडरूप से मंगल हो
गणपति कर्तिकमुनि के परमपिता से मंगल हो
इस धरती के जन जन में और कण कण में शिव होय रे
रागद्वेष और मोह मिट जाए शिव समाधि होय रे
अंतरमन की गांठ टूटे, अंतर मन निर्मल होय रे
जल स्थल और ब्रह्माण्ड में सब शिवभक्त का मंगल होय रे
आर्षविद्या मंदिर के सब गुणीजन का मंगल होय रे
सब का मंगल, सबका मंगल, सबका मंगल होय रे