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He Jyotirmay Aao

 

हे ज्योतिर्मय आओ !

मेरे वन के हर पल्लव पर अपना तिलक लगाओ

हे ज्योतिर्मय आओ !

 

उस गिरिवर के नीचे से तुम नित ऊपर को आते

अपनी किरणों से क्षण भर में घाटी को भर जाते…

हे ज्योतिर्मय आओ !

 

तुम आते ही हर तिनके में प्राण नया आता है

वन पंछी गाने लगते हैं झरना भी जाता है …

हे ज्योतिर्मय आओ !

 

मेरे इस सूने अंतर में प्राण जगाते जाओ