Aa Chal Ke Tujhe
आ चल के तुझे
सपनों के ऐसे जहां में, जहां प्यार ही प्यार खिला हो,
हम जा के वहां खो जाये, शिकवा न कोई गिला हो,
कहीं बैर न हो, कोई गैर न हो,
सब मिल के यु चलते चलें,
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
इक ऐसे गगन के तले…
आ चल के तुझे, मैं लेके चलूं
इक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
इक ऐसे गगन के तले
सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे (२)
चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे (२)
कभी धूप खिले कभी छाँव मिले
लम्बी सी डगर न खले
जहाँ ग़म भी नो हो, आँसू भी न हो
आ चल के तुझे मैं लेके चलूं …